भारतीय संस्कृति
में स्वास्थ्य को सर्वोच्च महत्व दिया गया है । भारतीय दर्शन के अनुसार स्वस्थ्य
शरीर एवं मष्तिष्क ही मानव जीवन के चार प्रमुख लक्ष्यों - धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष को प्राप्त करने का एकमात्र साधन है । हम
सभी के लिए, स्वास्थ्य
को बनाए रखना न केवल एक व्यावहारिक आवश्यकता है, बल्कि
एक गहन दार्शनिक कर्तव्य है, जो प्राचीन ऋषियों के
ज्ञान और हमारी संस्कृति में निहित है। भारतीय दार्शनिक परंपराओं से प्रेरणा लेते
हुए और आज के सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यह लेख इस बात की खोज करता है कि शरीर एवं मष्तिष्क को स्वस्थ रखना क्यों
आवश्यक है ?
अथर्ववेद में वर्णित मंत्र "जीवेम शरदः शतम्" अर्थात किसी के सौ वर्षों तक जीने की कामना, मूलतः उत्तम स्वास्थ्य की कामना है । महान कवि कालिदास ने अपने महाकाव्य कुमारसंभवम में लिखा है - "शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्" अर्थात शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। पवित्र धम्मपद जो कि बौद्ध साहित्य का सर्वोत्कृष्ट लोकप्रिय ग्रंथ है,में स्वास्थ्य को सबसे बड़ा उपहार बताया गया है । महान योगी और भारतीय मनीषा के सिरमौर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि- "शरीर वह नाव है जो तुम्हें जीवन सागर से पार ले जाएगी" । राष्टपिता महात्मा गांधी के अनुसार - "स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है, न कि सोने और चांदी के टुकड़े" । भारतीय जनमानस में स्वास्थ्य को सर्वोच्च स्थान देते हुए सबसे पहले सुख की संज्ञा प्रदान कि गई है- “पहला सुख निरोगी काया” ।
भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य संरक्षण
केवल विचारों तक ही सीमित नहीं रहा है बल्कि इसको मूर्त रूप भी दिया गया है ।
भारतीय ऋषियों एवं विद्वानों ने स्वास्थ्य कि सुरक्षित रखने के लिए आयुर्वेद और
योग जैसी पद्धतियों का विकास किया जो हजारो वर्षो से प्रयोग में लायी जा रही है और
आज सम्पूर्ण विश्व इन्हें अपना रहा है ।
स्वास्थ्य संरक्षण के प्रति जितना समृद्ध
और सशक्त ज्ञान एवं चिंतन हम भारतीयों को विरासत में मिला है वो दुनिया में कही और देखने को नहीं
मिलता । लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि आज हम भारतीय अपनी विरासत से भटक गए है और
विभिन्न प्रकार की बीमारियों और उनसे होने वाले शारीरिक और मानसिक कष्ट, आर्थिक बोझ, और सामाजिक दुष्परिणामों के कुचक्र में फंसते जा रहे है । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार आज भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीज है और प्रीडायबिटिक
(डायबिटीज होने से पहले की अवस्था) कि संख्या भी सबसे अधिक है । इसके अतिरिक्त
ह्रदय रोग से ग्रस्त व्यक्तिओं कि संख्या भी सबसे अधिक भारत में ही है । जिस देश
में सबसे पहले सौ वर्ष तक जीवित रहने की कामना का मन्त्र दिया था वहां आज औसत आयु मात्र 70 वर्ष है और औसत आयु के मामले में
भारत विश्व में 117वे पायदान पर है ।
इन दुखद स्थितियों का कारण मुख्यतः हमारे
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, अज्ञान और अरुचि है ।स्वास्थ्य हमारे लिए "Taken
for granted" विषय वस्तु है ।
हम अपने स्वास्थ्य के प्रति तब तक सचेत नहीं होते जब तक कि कोई बीमारी ना घेर ले
और फिर महँगी दवाइयां और चिकित्सा में धन ना बर्बाद हो जाए । दूसरी मुख्य बात यह
है कि हम में से बहुत लोगो को पता ही नहीं होता है कि स्वास्थ्य को कैसे सुरक्षित
रखा जाए । इसके लिए हमें अपना भोजन, दिनचर्या एवं जीवन-
पद्धति कैसे व्यवस्थित किया जाए इसका ज्ञान ही नहीं है। स्वास्थ्य हमारे लिए रूचि का विषय भी नहीं है । सामान्यतः हम सभी’ किसी विशेष रूचि के प्रति सक्रिय रहते है जैसे कि कुछ पढना और गतिविधि
करना, लेकिन स्वास्थ्य को लेकर शायद ही हम कुछ समय प्रबंध करते है ।
हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero इस दिशा में एक प्रयास है कि कैसे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक
किया जाए, उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी मूल जानकारी प्रदान की
जाए और स्वास्थ्य को रूचि का विषय बनाया जाये ताकि लोग कम से कम बीमारियों से
प्रभावित हो और स्वस्थ जीवन जी सके । स्वस्थ रहना और अपने पारिवारिक एवं सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन
करना हमारी जिम्मेदारी है । स्वस्थ्य रहते हुए ही हम अपने और अपने परिवार की
खुशियों और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते है ।
हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero के माध्यम से आपको विज्ञान आधारित और क्लिनिकल रिसर्च द्वारा सत्यापित
स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जायेगी जो आपके स्वास्थ्य यात्रा को सरल एवं
सतत बनाये रखने में मदद करेगी । HealthRiskZero एंड्राइड एप और www.healthriskzero.com वेबसाइट के माध्यम से एक ऐसा डिजिटल मंच
तैयार किया गया है जहाँ पर स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों को पहले ही परखने और उनको
रोकने के लिए जानकारी देने का प्रावधान है । “रोकथाम
इलाज से बेहतर है” तथा “जानकारी ही बचाव है” इन सिद्धांतो को ध्यान में रखते हुए इन दोनों डिजिटल मंच को तैयार किया गया है जहाँ पर आप स्वास्थ्य सम्बन्धी नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते है और
स्वास्थ्य विशेषज्ञों से उचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है ।
हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero का उद्देश्य सभी को ज्ञान के माध्यम से सशक्त करना है ताकि वो अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य से सम्बंधित उचित निर्णय ले सके । ध्यान रहे कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति, स्वस्थ्य परिवार और स्वस्थ्य समाज ही देश का विकास कर सकता है । आइये हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero के साथ आपके खुशहाल, समृद्ध और दीर्घ जीवन के लिए स्वास्थ्य यात्रा शुरू करे ।

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