Sunday, May 25, 2025

ब्लू जोन का जीवन- सौ साल जीने का रहस्य


 

क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग सक्रिय, खुश और जीवन से भरपूर रहते हुए 100 साल से ज़्यादा क्यों जीते हैं?  दुनिया भर में, पाँच अनोखे क्षेत्र हैं जिन्हें ब्लू ज़ोन के नाम से जाना जाता है, जहाँ लोग सबसे लंबा और सबसे स्वस्थ जीवन जीते हैं। शोधकर्ताओं ने दशकों से इन क्षेत्रों का अध्ययन किया है, और उन दैनिक आदतों और जीवनशैली विकल्पों को उजागर किया है जो असाधारण दीर्घायु में योगदान करते हैं

ब्लू जोन कहां हैं?

ब्लू जोन विशिष्ट क्षेत्र हैं जहां लोग लगातार लंबा और स्वस्थ जीवन जीते हैं, जहां सौ साल से ज़्यादा उम्र वाले लोगों की संख्या ज़्यादा है। इन पांच स्थानों ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है । ये स्थान है-

1.     ओकिनावा, जापान - दुनिया की सबसे लंबी उम्र तक जीने वाली महिलाओं का घर, जो अपने शाकाहार आधारित भोजन और उद्देश्य की मजबूत भावना (इकिगाई) के लिए प्रसिद्ध हैं।

2.    सार्डिनिया, इटली - शतायु पुरुषों की सबसे अधिक संख्या वाला क्षेत्र, जहाँ परिवार और सामाजिक संबंध जीवन का केंद्र हैं।

3.     इकारिया, ग्रीस - भूमध्यसागरीय आहार, कम तनाव और मजबूत सामुदायिक संबंधों के कारण इसे "द्वीप जहाँ लोग मरना भूल जाते हैं" के रूप में जाना जाता है।

4.     निकोया प्रायद्वीप, कोस्टा रिका – यहाँ के निवासी "प्लान डे विडा" (जीवन योजना) का पालन करते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर, प्राकृतिक आहार खाते हैं।

5.     लोमा लिंडा, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए – “सातवें दिन के एडवेंटिस्ट समुदाय” का घर जो आस्था-आधारित और शाकाहार जीवन शैली का पालन करता है।


उनकी लंबी उम्र का राज क्या है?

ब्लू जोन के निवासी एक सरल लेकिन सक्रिय और उद्देश्यपूर्ण और आकर्षक जीवन जीते हैं। वे कोई ऐसी जादुई गोली नहीं खाते जो उनकी उम्र बढ़ा दे। ब्लू जोन के लोगों की मुख्य आदतें निम्नलिखित हैं जो उन्हें लंबी उम्र प्रदान करती हैं-

1. शाकाहार 🌱🍇🍉🍒🍓🍐🍎

लंबी उम्र के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है ज़्यादातर पौधे आधारित आहार। ब्लू ज़ोन में लोग ज़्यादातर पौधे खाते हैं जैसे कि- सब्ज़ियाँ, बीन्स, साबुत अनाज, मेवे और जैतून के तेल जैसे स्वस्थ वसा। यहाँ के निवासियों द्वारा मांस बहुत कम खाया जाता है, या केवल विशेष अवसरों पर खाया जाता है। दाल, छोले, काली बीन्स और फलियाँ प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं। वे कम से कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और चीनी खाते हैं और उनका भोजन ताज़ी, पूरी सामग्री से बना होता है। ओकिनावा में, वे "हारा हची बू" का पालन करते हैं, जो 80% पेट भर जाने पर खाना बंद करने का नियम है – यह  ज़्यादा खाने से रोकता है और स्वस्थ चयापचय (मेटाबोलिज्म)  को बढाता है।

2. हर दिन प्राकृतिक गतिविधि 🏃🚵🚶🏊

आधुनिक फिटनेस रूटीन के विपरीत, ब्लू ज़ोन के लोग स्वाभाविक रूप से सक्रिय रहते हैं। वे जिम में घंटों नहीं बिताते हैं, बल्कि वे हर जगह पैदल चलते हैं - काम पर, दुकान पर या सिर्फ़ मौज-मस्ती के लिए ही। वे बागवानी, खाना पकाने और शारीरिक श्रम जैसे दैनिक काम करते हैं और अक्सर बाहर समय बिताते हैं जैसे- लंबी पैदल यात्रा, साइकिल चलाना, खेती या बस प्रकृति का आनंद लेते हैं।

3. उद्देश्य की एक मजबूत भावना - "मैं सुबह क्यों उठता हूँ" ⏰⏰🎯🎯

ओकिनावा में,  उद्देश्य पूर्ण जीवन और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किये गए सार्थक प्रयास को  "इकिगाई" कहते हैं अर्थात आपके पास हर सुबह बिस्तर से उठने और काम करने का एक कारण है। निकोया में, इसे "प्लान डे विदा" कहते हैं - एक जीवन योजना जो अर्थ और दिशा देती है। जीवन में एक उद्देश्य होने से तनाव कम करने और अवसाद को रोकने में मदद मिलती है। जीवन में एक उद्देश्य और उसे पूरा करने के लिए किए गए प्रयास एक सक्रिय और व्यस्त जीवन शैली को प्रोत्साहित करते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को पुष्ट करते है।

4. मजबूत सामाजिक संबंध 👪👫👭👬

दीर्घायु के सबसे अधिक अनदेखा किए जाने वाले पहलुओं में से एक यह है कि हम अपने समुदाय से कैसे जुड़ते हैं। ब्लू ज़ोन में लोग परिवार को प्राथमिकता देते हैं और प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं। उनके पास घनिष्ठ समुदाय हैं जहाँ बुजुर्गों का सम्मान किया जाता है और उनकी देखभाल की जाती है। कई लोग आस्था-आधारित या सामाजिक समूहों का हिस्सा हैं, जो सुरक्षा और अपनेपन की भावना प्रदान करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि अकेलापन आपके जीवन को धूम्रपान जितना ही छोटा कर सकता है - इसलिए रिश्तों को पोषित करना एक स्वस्थ, खुशहाल और लंबे जीवन की कुंजी है।

5. तनाव में कमी और भावनात्मक जीवन 😃😄😂😇😎

लम्बे समय से तनाव को सहना आपके स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरा है, लेकिन ब्लू ज़ोन में लोग जानते हैं कि कैसे तनावरहित रहना है और जीवन का आनंद लेना है। लम्बे कार्यावधि के बीच झपकी लेना उनके तनाव-मुक्ति के तरीकों में शामिल हैं ।   दोपहर की झपकी लेना इकारिया और सार्डिनिया में आम है। प्रकृति में समय बिताना और बाहर रहना दैनिक जीवन का एक हिस्सा है। इन क्षेत्रों में कृतज्ञता और आध्यात्मिकता का अभ्यास करना बहुत आम है। कई लोगों के पास धार्मिक या आध्यात्मिक विश्वास होते हैं जो उन्हें जीवन की चुनौतियों का प्रबंधन करने में मदद करते हैं। आराम करने, तकनीक से दूर रहने और हर पल का आनंद लेने के तरीके खोजने से जीवन की गुणवत्ता और लंबाई दोनों में सुधार हो सकता है।

ब्लू जोन सीक्रेट्स को अपनी जिंदगी में शामिल करें

आपको दीर्घ आयु और स्वस्थ रहने के लिए ब्लू जोन में जाने की जरूरत नहीं है। यहां कुछ सरल बदलाव दिए गए हैं जिन्हें आप आज से ही शुरू कर सकते हैं:

📌शाकाहार आधारित भोजन को बढ़ाये और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम करें।
📌स्वाभाविक रूप चलने कि आदत डाले- टहलें, घर के काम करें और लंबे समय तक बैठे रहने से बचें।
📌अपना उद्देश्य खोजें- कुछ ऐसा खोजें जो आपको उत्साहित और प्रेरित करे।
📌रिश्तों को मजबूत करें- प्रियजनों के साथ समय बिताएं, सामाजिक समूहों में शामिल हों और एक मजबूत समुदाय बनाएं।
📌तनाव कम करें- माइंडफुलनेस का अभ्यास करें, पर्याप्त नींद लें और अवकाश गतिविधियों का आनंद लें।

जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव भी आपकी जिंदगी में कई साल जोड़ सकते हैं और आपको स्वस्थ, खुश और अधिक ऊर्जावान महसूस करने में मदद कर सकते हैं ।

दुनिया के सबसे बुजुर्ग लोग जो ब्लू जोन  में रहते हैं, वे फैंसी डाइट, अत्यधिक कसरत या महंगे स्वास्थ्य रुझानों पर निर्भर नहीं रहते हैं। इसके बजाय, वे सरल, सार्थक और संतुलित जीवन जीते हैं। उनकी आदतों का पालन करके, हम सभी लंबे, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जीने की अपनी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

 

Saturday, May 24, 2025

हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero – आपके खुशहाल, स्वस्थ और दीर्घायु यात्रा में आपका साथी


 

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को सर्वोच्च महत्व दिया गया है । भारतीय दर्शन के अनुसार स्वस्थ्य शरीर एवं मष्तिष्क ही मानव जीवन के चार प्रमुख लक्ष्यों - धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष  को प्राप्त करने का एकमात्र साधन  है । हम सभी के  लिएस्वास्थ्य को बनाए रखना न केवल एक व्यावहारिक आवश्यकता हैबल्कि एक गहन दार्शनिक कर्तव्य हैजो प्राचीन ऋषियों के ज्ञान और हमारी संस्कृति में निहित है। भारतीय दार्शनिक परंपराओं से प्रेरणा लेते हुए और आज के सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यह लेख इस बात की खोज करता है कि शरीर एवं मष्तिष्क को स्वस्थ रखना क्यों आवश्यक है ?

 अथर्ववेद में वर्णित मंत्र  "जीवेम शरदः शतम्" अर्थात किसी के सौ वर्षों तक जीने की कामना, मूलतः उत्तम स्वास्थ्य की कामना है  महान कवि कालिदास ने अपने महाकाव्य कुमारसंभवम में लिखा है -   "शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्" अर्थात  शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। पवित्र धम्मपद जो कि बौद्ध साहित्य का सर्वोत्कृष्ट लोकप्रिय ग्रंथ है,में स्वास्थ्य को सबसे बड़ा उपहार ताया गया है । महान योगी और भारतीय मनीषा के सिरमौर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि- "शरीर वह नाव है जो तुम्हें जीवन सागर से पार ले जाएगी"  राष्टपिता महात्मा गांधी के अनुसार - "स्वास्थ्य ही वास्तविक धन हैन कि सोने और चांदी के टुकड़े" । भारतीय जनमानस में स्वास्थ्य को सर्वोच्च स्थान देते हुए सबसे पहले सुख की संज्ञा प्रदान कि गई है- पहला सुख निरोगी काया

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य संरक्षण केवल विचारों तक ही सीमित नहीं रहा है बल्कि इसको मूर्त रूप भी दिया गया है । भारतीय ऋषियों एवं विद्वानों ने स्वास्थ्य कि सुरक्षित रखने के लिए आयुर्वेद और योग जैसी पद्धतियों का विकास किया जो हजारो वर्षो से प्रयोग में लायी जा रही है और आज सम्पूर्ण विश्व इन्हें अपना रहा है ।

स्वास्थ्य संरक्षण के प्रति जितना समृद्ध और सशक्त ज्ञान एवं चिंतन हम भारतीयों को विरासत में मिला  है वो दुनिया में कही और  देखने को नहीं मिलता । लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि आज हम भारतीय अपनी विरासत से भटक गए है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों और उनसे होने वाले शारीरिक और मानसिक कष्ट, आर्थिक बोझ, और सामाजिक दुष्परिणामों  के कुचक्र में फंसते जा रहे है । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार आज भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीज है और प्रीडायबिटिक (डायबिटीज होने से पहले की अवस्था) कि संख्या भी सबसे अधिक है । इसके अतिरिक्त ह्रदय रोग से ग्रस्त व्यक्तिओं कि संख्या भी सबसे अधिक भारत में ही है । जिस देश में सबसे पहले सौ वर्ष तक जीवित रहने की कामना का मन्त्र दिया था वहां आज औसत आयु  मात्र 70 वर्ष है और औसत आयु के मामले में भारत विश्व में 117वे पायदान पर है ।

इन दुखद स्थितियों का कारण मुख्यतः हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, अज्ञान और अरुचि है ।स्वास्थ्य हमारे लिए "Taken for granted" विषय वस्तु है । हम अपने स्वास्थ्य के प्रति तब तक सचेत नहीं होते जब तक कि कोई बीमारी ना घेर ले और फिर महँगी दवाइयां और चिकित्सा में धन ना बर्बाद हो जाए । दूसरी मुख्य बात यह है कि हम में से बहुत लोगो को पता ही नहीं होता है कि स्वास्थ्य को कैसे सुरक्षित रखा जाए । इसके लिए हमें अपना भोजन, दिनचर्या एवं जीवन- पद्धति कैसे व्यवस्थित किया जाए इसका ज्ञान ही नहीं है।  स्वास्थ्य हमारे लिए रूचि का विषय भी नहीं है । सामान्यतः हम सभी’ किसी विशेष रूचि के प्रति सक्रिय रहते है जैसे कि कुछ पढना और गतिविधि करना, लेकिन स्वास्थ्य को लेकर शायद ही हम  कुछ समय प्रबंध करते  है ।

हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero इस दिशा में एक प्रयास है कि कैसे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए, उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी मूल जानकारी प्रदान की जाए और स्वास्थ्य को रूचि का विषय बनाया जाये ताकि लोग कम से कम बीमारियों से प्रभावित हो और स्वस्थ जीवन जी सके । स्वस्थ रहना और अपने पारिवारिक एवं सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है । स्वस्थ्य रहते हुए ही हम अपने और अपने परिवार की खुशियों और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते है ।

हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero के माध्यम से आपको विज्ञान आधारित और क्लिनिकल रिसर्च द्वारा सत्यापित स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जायेगी जो आपके स्वास्थ्य यात्रा को सरल एवं सतत बनाये रखने में मदद करेगी । HealthRiskZero  एंड्राइड एप और www.healthriskzero.com  वेबसाइट के माध्यम से एक ऐसा डिजिटल मंच तैयार किया गया है जहाँ पर स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों को पहले ही परखने और उनको रोकने के लिए जानकारी देने का प्रावधान है । रोकथाम इलाज से बेहतर है” तथा “जानकारी ही बचाव है” इन  सिद्धांतो  को ध्यान में रखते हुए इन दोनों डिजिटल मंच को तैयार किया गया है  जहाँ पर आप स्वास्थ्य सम्बन्धी नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से उचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है ।

 हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero का उद्देश्य सभी को ज्ञान के माध्यम से सशक्त करना है ताकि वो अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य से सम्बंधित उचित निर्णय ले सके । ध्यान रहे कि एक स्वस्थ्य व्यक्तिस्वस्थ्य परिवार और स्वस्थ्य समाज ही देश का विकास कर सकता है । आइये हेल्थ रिस्क जीरो-HealthRiskZero के साथ आपके खुशहालसमृद्ध और दीर्घ जीवन के लिए स्वास्थ्य यात्रा शुरू करे ।


इकिगाई- अपने "जीने का कारण" को जाने

  इकिगाई  एक जापानी अवधारणा है जिसका अर्थ मोटे तौर पर "जीने का कारण" या "जीवन का उद्देश्य" है। यह शब्द "इकि" ...